Mention133715
Download triplesrdf:type | qkg:Mention |
so:text | बाबाजी, मैंने जीवन में कभी वाहे गुरु को याद नहीं किया। कई बार तो मैंने देश की अवनति और लोगों के दुख के लिए उन्हें दोषी ठहराया है। अब जब मौत मेरे सामने खड़ी है वाहे गुरु की अरदास करूं तो वह कहेगा कि मैं बहुत डरपोक और बेइमान आदमी हूं। अब मुझे इस संसार से वैसे ही विदा होना जाने दो जैसा मैं हूं। मेरी क्रांति यह नहीं रहेगी कि भगत सिंह कायर था और उसने अपनी मौत से घबराकर वाहे गुरु को याद किया था। (hi) |
so:isPartOf | https://hi.wikiquote.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%97%E0%A4%A4_%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%B9 |
so:description | उक्तियाँ (hi) |
Property | Object |
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Triples where Mention133715 is the object (without rdf:type)
qkg:Quotation125098 | qkg:hasMention |
Subject | Property |
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