Mention322704
Download triplesrdf:type | qkg:Mention |
so:text | हमारे देश और समाज के माथे पर एक कलंक है – अस्पृश्यता ।हिन्दू समाज के, धर्म के ,रास्त्र के करोड़ों हिन्दू बन्धु इससे अभिशप्त हैं। जब तक हम ऐसे बनाए हुए हैं, तब तक हमारे शत्रु हमें परस्पर लदवाकर, विभाजित क्र सफल होते रहेंगे। इस घातक बुराई को हमें त्यागना ही होगा। (hi) |
so:isPartOf | https://hi.wikiquote.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%95_%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A4%B0_%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%B0 |
so:description | ;अस्पृश्यता पर उद्धरण: (hi) |
so:description | ;अन्याय पर उद्धरण: (hi) |
Property | Object |
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Triples where Mention322704 is the object (without rdf:type)
qkg:Quotation304712 | qkg:hasMention |
Subject | Property |
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