Mention570204

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rdf:type qkg:Mention
so:text श्रेयांसि बहुविघ्नानि अच्छे कर्मों में कितने ही विघ्न आते हैं। - प्रलय मचाना ही होगा, इससे कम में किसी तरह नहीं चल सकता। कुछ परवाह नहीं। दुनीया भर में प्रलय मच जायेगा, वाह! गुरु की फतह! अरे भाई श्रेयांसि बहुविघ्नानि, उन्ही विघ्नों की रेल पेल में आदमी तैयार होता है। मिशनरी फिशनरी का काम थोडे ही है जो यह धक्का सम्हाले!।।।। बडे-बडे बह गये, अब गडरिये का काम है जो थाह ले? यह सब नहीं चलने का भैया, कोई चिन्ता न करना। सभी कामों में एक दल शत्रुता ठानता है; अपना काम करते जाओ किसी की बात का जवाब देने से क्या काम? सत्यमेव जयते नानृतं, सत्येनैव पन्था विततो देवयानः ।।। धीरे-धीरे सब होगा। (hi)
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so:description હિન્દી (gu)
Property Object

Triples where Mention570204 is the object (without rdf:type)

qkg:Quotation540484 qkg:hasMention
Subject Property